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Shital Yadav

Romance

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Shital Yadav

Romance

पैगाम

पैगाम

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ज़िंदगी की हर सुबह और शाम

इत्र-सा महकता रहता तेरा नाम


घुल कर यूँ इन फ़िज़ाओं में जैसे

गुलाब संग आया प्यार का पैगाम 


चाहे रोके जमाना अब तो फ़िक्र नहीं 

इश्क में हम गर हो भी जाए बदनाम 


ऐसे शर्मा के वो तो मुस्कुराने लगे 

कर लिया है मंज़ूर दिल का सलाम 


कर लिया मुकर्रर अंजाम इश्क का

पा लिया ऐसे उनके दिल में मुकाम



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