पायल छनकी, चूड़ी खनकी
पायल छनकी, चूड़ी खनकी
मेंहदी रचे गोरे पाँवों की थाप बजाती,
पायल छनकाती आई गोरी प्रिय-द्वार.
मेंहदी-चूड़ी भरे हाथों की छन-छन,
कंगन बोल रहा पिया की धुन-धुन.
माथे बिंदिया चमके, टीका लहराये,
माँग का सिंदूर पिया का जी लुभाये.
कान के झुमके जगमग हाले डोले,
हीरक कनी नथनी से गुपचुप बोले.
गलबहियाँ लेती मोतियन की लड़ी,
रत्नजड़ित कर्धनी कमरिया पर पड़़ी.
नवरत्नों की छटा उंगलियों पर छाई,
कुंदन की छवि गर्दन पर ले अंगड़ाई.
चूनर पर सज के सितारे नाच दिखायें,
साजन के संग मिलन की राह दिखायें.
मेंहदी रचे गोरे पाँवो की थाप बजाती
पायल छनकाती आई गोरी प्रिय-द्वार.

