पावन रथ यात्रा
पावन रथ यात्रा
भजन के संगीत ने मचाया है शोर,
भक्तो का मंन मचला है होके आनंद विभोर।
थम गयी है मानो ये धरती,अम्बर और ये गगन,
चल पड़े हैं पग होके प्रभु के नाम में मगन।
हज़ारो सालों से चल रही है ये प्रथा पुरानी,
अगले सैकड़ों वर्ष चलेगी ये गाथा सुहानी।
पुष्पों से सुसज्जित होके भगवन हैं रथ पे सवार,
हरी बोल की ध्वनि से गुंजित हुई सृस्टि बार बार।
दोस्तों अपने दिल का तो ये मानना है,
भगवान् जगनाथ के समक्ष निश्छल मंन से शीश झुकना है।