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Simran Sardana

Classics Inspirational

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Simran Sardana

Classics Inspirational

पापा✨

पापा✨

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कितने अलग नाम दिए जाते है न एक बाप को ?

पापा, फादर साहब, बापू, पिताजी, डैड, डैडी जी


चाहे नाम से किसी भी पुकारो इन्हे

दौड़ा चला आएगा वो तुम्हारे पास


चाहे नाम से किसी भी पुकारो इन्हे

दौड़ा चला आएगा वो तुम्हारे पास


तुम्हे प्यार से पुचकारता भी है

ये इंसान और

वक़्त आने पर

आँखे दिखा कर

डराता भी है ये इंसान


मम्मी भी

इन्ही के नाम से अपना दबदबा घर में

बना कर रखती है

क्या कह कर ?

काम कर लो वर्ना किसे बता दूंगी ?

हाँ

काम कर लो वर्ना पापा को बता दूंगी


ये वही इंसान है जो

तुम दिवाली पर नए कपडे पेहेन सको

इसलिए खुद

पुरानी टीशर्ट में भी निकल पढता है

काम पर


तुम नए खिलौने खरीद सको

इसलिए खुद पुराने ख़राब मोबाइल से भी

काम चला लेता है


एक वक़्त की रोटी

कम खा लेगा

पर

तुम्हे बराबर वक़्त पर खाना मिले

इसके लिए मन लगा कर

काम करते है हमारे पापा


दुनिया की भीड़ से

लड़ जाएगा

पर हमारी मुस्कान देखे बिना

चैन से नहीं सोयेगा


तुम्हे रोता देख कर

अगर माँ का दिल रोता है

तो बाप का दिल भी कोई

कम मोम सा नहीं बना

रोता तो उसका दिल भी है

बस

इस दुनिया के अजीबोगरीब नियमों के कारण

जता नहीं पाटा ढंग से प्यार अपना


हाँ मैं जानती हूँ

ये सब बाते कई लोग आ कर कह कर जा चुके है

कोई नई बात आज बताने आई नहीं थी मैं यहाँ

पर जनाब बस इतना कहूँगी की

जिस दिन

सिर्फ ये बाते सुन कर अनसुना करने की जगह

घर जा कर

दो घड़ी उस बाप के गले लग कर


बातें करोगे न

तो शायद इस बात के कहने का मतलब

उस दिन सफल हो जाएगा

और शायद तुम्हारे लिए जान देने वाले माँ बाप का दिन भी

इसी दो घड़ी के प्यार से बन जाएगा।


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