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Dr. Tulika Das

Classics Inspirational

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Dr. Tulika Das

Classics Inspirational

पापा , मैं आपसे प्यार करती हूं

पापा , मैं आपसे प्यार करती हूं

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अक्सर नहीं कहते हम अपने पापा से

कितना प्यार हम उन से करते हैं

पर मैंने कहा था आपसे

और आज भी कहती हूं

मैं आपसे प्यार करती हूं

बहुत बहुत प्यार करती हूं

मां को जितना चाहती हूं

उतना ही आपको भी चाहती हूं ।


पेट कितना भी भरा हो

आपकी थाली से खाए बिना

खाना पूरा ना होता था ।

जब हाथों से खिलाते थे अपने

स्वाद उस खाने का कितना बढ़ जाता था।

वो गर्मियों में आम काट कर खिलाना

कभी आइसक्रीम और कुल्फी की होड़ लगाना

जाने कितनी ही यादें उस आंगन में घूम रही


अब कौन डाटेगा हमें , खामोशी हमसे पूछ रही।

कौन अब आकर बरामदे में इंतजार करेगा

कि गाड़ी से उतरेगी बेटिया

राह अब वो कौन देखेगा ?

हर वो दिन खास बन जाता था

जब खाना आप पकाते थे ,

बिन हमारे कहे ही पसंद हमारी पका लाते थे ।

दिन में चार बार तो पूछते थे हाल हमारा

परेशानी कोई भी होती मुझे तो , आप थे गूगल मेरा ।


सब कहते हैं मुझसे कि बड़ा तुममें साहस है,

पर साहस नहीं ये आप ही हैं और आपका विश्वास है ।


माना आपको देख सकती नहीं

गले से आपके लग सकती नहीं

पर एहसास आपके हाथों का

अब भी माथे पर है मेरे।

वो गुड़िया जो आप मुझे हर बार खरीद कर देते थे

दवाइयों के साथ इंजेक्शन जब मुझे लगते थे

हर वो गुड़िया मैंने संभाल कर रखी है

सारे खिलौने आज भी है पास मेरे

यादें आपकी उस नन्ही रसोई में रखी है

स्वाद बड़ा मीठा है स्नेह का

मैंने मन में छुपा कर रखी है ।

यहां से आपको कोई ले जा सकता नहीं

आप आज भी है साथ मेरे

कौन कहता है कि आप अब है नहीं !

I love u Papa .


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