पापा का विज्ञान तर्क
पापा का विज्ञान तर्क
मेरे हर कार्य में साइयन्स,
लॉजिक ढूँढ जो लेते हैं।
ख़ुद आर्ट्स की पढ़ाई कर,
साइयन्स में विश्वास करते हैं।
क्या साइयन्स पढ़ते हो,
जब बुद्धि उपयोग नहीं करते हो।
ये तर्क हमेशा होता था,
जब विचार अपना समझाते थे,
अक्सर ग़लती मुझसे,जब होती थी।
कभी-कभी बना कार्य भी व्यर्थ होता,
अचानक जब पापा का आगमन होता।
मैं चाह के भी ख़ुद को साबित न कर पाता,
न जाने क्यों मेरे मन में उनका डर बस जाता।
उनकी होती इच्छा, यही थी।
बुद्धि शक्ति, बल से होती प्रबल।
मुझको मेरी शक्ति का,
एहसास करना चाहते थे।
बल से जादा बुद्धि का,
प्रयोग करना बताते थे।
चारों भाइयों में जादा,
उमीद मुझसे करते।
तभी तो हर वक़्त वो,
खिंचाई जो मेरी करते।