पानी का ख़ज़ाना
पानी का ख़ज़ाना
पानी की कहानी
क्या सुनाऊँ आज
बस खत्म हो रहा
ये जान लो आज।
बहुत बर्बाद किया
न जाना इसका मोल
खूब दिल से बहाया
सोचा न, है अनमोल।
स्लोगन लिखने आ गए
भाषण भी देने आ गए
जब बात बचाने की आए
नल बंद करना भूल जाए।
