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pariy♥ y👻

Children Stories

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वो बचपन भी कितना सुहाना था

वो बचपन भी कितना सुहाना था

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वो बचपन भी कितना सुहाना था, 

जिसका रोज एक नया फ़साना था ।


कभी पापा के कंधो का ,

तो कभी माँ के आँचल का सहारा था। 

     

कभी बेफिक्रे मिट्टी के खेल का ,

तो कभी दोस्तों का साथ मस्ताना था ।

        

कभी नंगे पांव वो दौड़ का , 

तो कभी पतंग ना पकड़ पाने का पछतावा था ।


कभी बिन आँसू रोने का ,

तो कभी बात मनवाने का बहाना था


सच कहूँ तो वो दिन ही हसीन थे

ना कुछ छिपाना और दिल में जो आए बताना था। 



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