पाखंड
पाखंड
पाखंड पराक्रम परिहास धर्म स्वार्थ में अंधा समाज
पाखंड झूठ फरेब का स्रोत चमत्कार।।
पाखंड कि उम्र नहीं पल प्रहर पाखंड
एक आग सब जलकर भस्म सब खाक।।
बचता नहीं अवशेष पाखंड परमेश्वर को करता बदनाम
पाखंड छल छद्म है मानव अस्ति अस्तित्व का विष समय काल।।
अंतर्मन चीत्कार पाखंड काया कि काली माया
जीवन युग का अमावस अंधकार।।
पाखंड शैने शैने करता सृष्टि की दृष्टि का
सर्वनाश पाखंड अँधाविश्वास।।
आस्था का ही संसार भांति भाती के चोला दामन
अनन्त चीत्कार पुकार पाखंड बलिवेदी मिट जाता संसार।।

