STORYMIRROR

Kunal Meghwanshi

Drama

3  

Kunal Meghwanshi

Drama

पागल जान है तू मेरी

पागल जान है तू मेरी

2 mins
312

खफा हूँ आज तुमसे पर हमेशा नहीं रहूँगा

पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा

तूने चलना सिखाया है मुझे

अब तेरा हाथ छोड़कर बच्चा तू ही बता मैं कैसे चल सकूँगा।


पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा

अपनी आदत डाल दी है तूने अब तू ही बता

तेरी बक-बक सुने बिना मैं कैसे सो सकूँगा।


हाँ माना खफा हूँ आज तुमसे पर हमेशा नहीं रहूँगा

पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा

मेने तुझे और मुझे हम कहा है हमेशा ही

अब तू ही बता इस हम के जाल से मैं खुदको कैसे रिहा करूँगा।


पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा

बड़ी मुद्दतों बाद मिला है तू मुझे

अपनी सारी दुआओं को मैं व्यर्थ कैसे जाने दूँगा

पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा।


तेरा हाथ पकड़कर ही तो मैं पूरी दुनिया से टकराया था

तू ही बता अब मैं कैसे उन सबसे बचूँगा

निकल तो जाऊँगा मैं घर से तेरी बची कुछी यादें लेकर

पर सिर्फ उन यादों के सहारे थोड़ी न मैं तेरा साथ पा सकूँगा।


पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा

तू खुद नहीं जानती तेरी अहमियत पागल

अगर लिखना शुरू किया तो तेरी

खूबियों में ना जाने मैं कितने ग्रंथ लिख दूँगा

पागल जान है तू मेरी तुझे इतनी आसानी से जाने ना दूँगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama