Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kunal Meghwanshi

Abstract

3  

Kunal Meghwanshi

Abstract

स्कूल के दिन

स्कूल के दिन

2 mins
429


चलो न फिर से बच्चे बन जाते हैं

कुछ पल के लिये ही सही

हम अपनी यादों में खो जाते हैं

चलो न फिर से लेट होने के डर से

हम जल्दी उठ जाते हैं।


प्रेयर में खड़े होकर हम

अपने ही गाने गाते हैं

गुड मोर्निंग विश करने की जगह

हम अपना अलग ही सुर लगाते हैं।


होमवर्क पूरा न होने पर हम

न जाने कितने जुगाड़ लगाते हैं

घंटी बजने से पहले ही हम

अपना सारा टिफिन खा जाते हैं।


मैडम की डाँट से बचने के लिये हम

सिर झुकाकर चुपचाप से सो जाते हैं

सरसों का तेल लगाकर भी हम

अपनी स्कूल में फेमस हो जाते हैं।


इतना चंपू दिखने के बावजूद

मेरे दोस्त मुझे हीरो कहकर बुलाते हैं

अपनी क्रश को हँसाने के लिए

हम जोकर भी बन जाते हैं।


उस नादान को नहीं पता पर हम

पूरा दिन बस उसे ही

देखकर मुस्कुराते हैं

जान जैसे यारों के लिए ह

म पूरी दुनिया से लड़ जाते हैं।


यारों की यारी में हर दिन

त्यौहार सा बनाते हैं

उम्मीदों और ख़्वाबों को एक तरफ करके

हम बस आज में जीना चाहते है।


इश्क़ नाम की बीमारी से दूर बस हम

अपने दोस्तों पर ही खुलकर प्यार लुटाते हैं

कसम से वो स्कूल के दिन बड़े जल्दी चले जाते हैं

देखते ही देखते हम सब बड़े हो जाते हैं।


आजकल हम बस नाम की दोस्ती निभाते हैं

जरूरत पड़ने पर ही एक-दूसरे को कॉल लगाते हैं

मिलकर भी अब हम अच्छे से नहीं मिल पाते हैं

कसम से वो स्कूल के दिन बड़े याद आते हैं।


चलो न फिर से बच्चे बन जाते हैं

कुछ पल के लिये ही सही हम

अपनी यादों में खो जाते हैं।


Rate this content
Log in