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Tanha Shayar Hu Yash

Romance

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Tanha Shayar Hu Yash

Romance

नज़र फिर ठहर जाये

नज़र फिर ठहर जाये

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नज़र फिर ठहर जाये, काजल को भिगोते,
अंखियों के कोरे पे,

शायरी फिर हो जाये, शब्दो से बंधे,
कलम से लिखे शेरों पे,

चांदनी फिर छू जाये, रौशन तारे हज़ारो हो,
छुप जाये सब सवेरों से,

सलiम करती रह जाये, महफ़िलो की महफ़िल,
बेफिक्र तनहा के उलट फेरो से,


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