STORYMIRROR

Mistry Surendra Kumar

Inspirational

4  

Mistry Surendra Kumar

Inspirational

नया प्रभात

नया प्रभात

1 min
170

प्रात: नभ में आशा की किरण ने,

ली है फिर अंगड़ाई।

2 जून की नई सुबह से,

हम सब में एक नई स्फूर्ति आई।


चहुँ दिशा में फैले कीर्ति और गुणगान,

भारत की सामासिक संस्कृति की,

हम सब हैं संतान।

एकता, सद्भाव और भ्रातृत्व का,

परचम हम लहराएँँ।


आओ ! हम सब मिलकर संपूर्ण विश्व को,

शांति का पाठ पढ़ाएँँ।

जन-जन की वाणी बनकर हम,

 विश्व क्षितिज में छा जाएँ ........

 विश्व क्षितिज में छा जाएँ .........



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational