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Dipnarayan Jha

Abstract

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Dipnarayan Jha

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नवरात्रि

नवरात्रि

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चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा को,

नववर्ष हमारा आता। है।

सनातन संस्कृति वालों को,

नवरात्रि बहुत ही भाता है।।


शक्ति के उपासकों को,

नवरात्र‌ खुशियाॅं दे जाती है।

बिन मांगे वो सबकुछ पाता,

सबकी बिगड़ी बन जाती है।


सृष्टि की उत्पत्ति यहीं ‌ से,

ब्रह्म पुराण में वर्णित है।

ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि रचना,

यहीं से इसकी शुरूआत है।।


शत् -शत् नमन विक्रमादित्य को,

विक्रम संवत उन्हीं से आता है।

भारत की गौरवशाली गाथा को,

जन- जन  का मन गाता है।।


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