"नवरात्र"
"नवरात्र"
शुरू हुए,आज से ही पवित्र नवरात्र
मां का आशीर्वाद ले लो,सब ही पात्र
प्रथम दिन मां शैलपुत्री को करो,याद
उनकी कृपा से जीवन होगा आबाद
दुःख,दर्द जीवन के सब होंगे,बर्बाद
जीवन मे होगा,खुशियों का आह्लाद
मां ब्रह्मचारिणी का है,दूसरा नवरात्र
जो अनुशासन सिखाती है,प्राणी मात्र
यदि अनुशासन में रहोगे,तुम छात्र
विद्या का पाओगे अमृतमय पात्र
तृतीय रूप,मां चन्द्रघण्टा करो याद
जीवन मे संतोष पाओगे,तुम साथ
मां चन्द्रघण्टा,संतोष देती,बिना बात
संतोष बिन व्यर्थ,करोड़ो की जायदाद
शुरू हुए,आज से ही पवित्र नवरात्र
नाचो,गाओ दीप जलाओ नवरात्र
जिसने बनाया है,यह सकल ब्रह्मांड
उन्ही कुष्मांडा मां का चतुर्थ नवरात्र
जो करते,कुष्मांडा मां की पूजा आज
बिल्कुल ही भय मिट जाता,उस गात्र
पंचम रूप,स्कंद माता का करो,याद
सफलता मिलेगी,कर्म की करो,शुरुआत
षष्टम,रूप कात्यायनी मां का नवरात्र
माता अच्छा,स्वास्थ्य देती,जो है,सुपात्र
बिना स्वस्थ शरीर व्यर्थ सब धन,तात
तन स्वस्थ,तो आंनद की हरदिन,बरसात
७वें नवरात्र कालरात्रि पूजा करो,पूरी रात
जीवन मे मिट जायेगा,हर तरह का विवाद
मां कालरात्रि,जीवन का मिटाती,अंधकार
जो रात्रि मे कर्मदीप जलाना करे,स्वीकार
अष्टम रूप आता,मेरी माता महागौरी का
जो कहती,काम न करो,कभी तुम चोरी का
सफलता पाओगे,उज्ज्वल रखो,चरित्र हररात्र
मां का वो पाते,आशीर्वाद,जो रखते दिल साफ
नवम रूप,बताता मां सिद्धिदात्री का नवरात्र
जो देती,सिद्धि,जिसकी पवित्र आत्मा है,गात्र
मां का हर रूप,हर कन्या में मानते है,नवरात्र
फिर क्यों होती है,भ्रूण हत्या,यहां दिन-रात
आओ कन्या बचाये,फिर हरदिन मनेंगे,नवरात्र
सोच कर सोचो,स्त्री सम्मान सिखाते हैं नवरात्र।