नसीब में साहिल नहीं होते
नसीब में साहिल नहीं होते
तेरी आँखें अक्सर वो सवाल करती है
मेरे पास जिनके जवाब नहीं होते
कैसे समझाऊँ तुम्हे तुम समझते नहीं
कुछ एहसासों के अल्फाज नहीं होते
यूँ हर बक्त नाराज ना रहो तुम मुझसे
क्यों खो दे हम यह पल छोटे छोटे
कुछ कदम ही तुम चलो साथ मेरे
हर सफर के मुकाम नहीं होते
बहुत छोटी दी है जिंदगी खुदा ने
मत खो दो इसे यूँ ही रोते रोते
जितने पूरे हो ख़ुशी उनकी तो मनाओ
हर किसी के सारे सपने पूरे नहीं होते
लगा दो छलांग इस इश्क़ के दरिया में
हर किसी के नसीब में साहिल नहीं होते
कुछ गलतियाँ तुमने कुछ मैंने भी की
गलतियाँ करने वाले जाहिल नहीं होते।
