नश्वर-अनश्वर
नश्वर-अनश्वर
ये मानव देह
नश्वर मात्र है ...
आत्मा परंतु
अनश्वर है।
इस जीवनकाल में
हम मनुष्यों को
अपनी कर्म दिशा
सही निर्णय
करना चाहिए ...!
एक ऐसे पथ का
चयन करना चाहिए,
जिस पर चल कर
हम मनुष्य अपना
वर्तमान और भविष्य
सुसंगठित एवं सुरक्षित कर पाएँ ...।
वरना ये जीवनावधि
बस उम्र-ए-तमाम
बनकर रह जाएगी !
महज़ दौलतमंद लोग ही
अपना जीवन सफल
बना सकने में सक्षम नहीं ,
वो लोग जो मुफलिसी में
जीया करते हैं, उन्हें भी
ज़िन्दगी का एहसास होता है ,
मगर वो खुशियों का आसमाँ
छूने में अक्सर नाकामयाब होते हैं ...
यहीं सच्चाई है !
