नर्क का द्वार
नर्क का द्वार
नर्क के तीनो द्वार को ,
पकड़े हुए हैं,सभी लोग ,
लोभ, वासना और क्रोध में,
फसेँ हुए हैं सभी लोग ।
अहंकार तो भरा पड़ा है ,
जिनमे कुछ ना धरा पड़ा है ,
शांति ,प्रेम ,सदाचार से ,
दूर हो रहे हैं सभी लोग।
तेरा मेरा मेरा तेरा में ही ,
अटके हुए सभी लोग ,
जैसे सब कुछ ले जायेंगे ,
गठरी सर पे बांधकर।
आत्म ज्ञान की तलवार से ,
काट लो सारे अज्ञान ,
आंखे खोल कर देख लो ,
सब कुछ रह जायेगा यहीं ।