नोटा क्रांति है
नोटा क्रांति है
सुधर जाओ नोटा लाओ।
यही है मंत्र आवाज उठाओ।
नोटा क्रांति है।
हाथ फूल भ्रांति है।
नोटा की मार से जो बचेगा,
वह भ्रष्टाचार की बुनियाद बनेगा,
क्योंकि नोटा ही लोटा थमायेगा।
हिन्दू-मुस्लिम छोड़ो,
सनातन से सब जोड़ो।
आओ अब साथ चलें,
सनातन एकता का राग बनें।
हो सके तो बंधुओं हमें आवाज दो,
मिथ्या छोड़ो सत्य को पहचान दो।
उठ मतदाता तेरी जय हो,
खत्म कर जो लोकतंत्र में भय हो।
चुनाव कोई पर्व नहीं है,
जो दारु पीकर मनाते हो,
चुनाव वो युद्ध है भ्रष्टाचार के खिलाफ,
लोकतंत्र में जो तुम मोहर लगाते हो।
हमारी रंज महंगे ढोंगी झूठे मक्कार नेता हैं,
सत्ता पर काबिज लोकतंत्र के हत्यारे नेता हैं।
नेता ऐसा कौन सा बिजनिश करते हैं,
जो हर पांच साल में करोड़पति बनते हैं।
कोई पूंछने बताने वाला नहीं है,
देश समाज की आवाज़ उठाने वाला नहीं,
भारत का चुनाव इतना महंगा,
गजब गरीबी नहीं गरीब मिटाओ है।
कालाधन तो नहीं आया अबतक इंतजार में,
कालेधन से से होगा चुनाव तैयारी है जाति से।
भारत की जनता सिर्फ लालीपाप समझती है,
जैसे कर्जा माफ, विजय माल्या शराब समझती है,
जनता सिर्फ अशिक्षित और बेरोजगारपरक होती है।
