STORYMIRROR

Maitri Shah

Tragedy

4  

Maitri Shah

Tragedy

नोक नोक नोक

नोक नोक नोक

1 min
277

नोक नोक नोक

न्यूज़ पेपर आया .

फिर से वहीं रेप की खबर लाया।


बलात्कार होते रहेंगे ,

हर रोज़ वहीं हम दोहरते रहेंगे।

निकाल पड़ेंगे रास्तों पे लेके हथोमे कैंडल्स.

हाय हाय की चिखे चार लगाएंगे

चार दिन के बाद फर्से सब चुपचाप।


नोक नोक नोक

न्यूज़ पेपर आया

फिरसे वहीं रेप की खबर लाया

दहोरांगे वहीं कहानी हम फिरसे एक और बार

नोक नोक नोक

न्यूज़ पेपर आया

फिर से वही रेप की खबर लाया।


नहीं बदलेगा यह ज़माना

हर रोज़ नारी सहे वह ज़ुल्म

और हम वोह देख रहे जाए वहाँ पे

पुलिस भी झूठी करवाई करे उन लोगों पे

सच्चा की उम्मीद रखे भी तो किससे।


कानून को दोष देते हम भी कहा सही चले हैं

चार दिन मेरे लगाके घर पे बैठ जाते हैं

जब पहेली ही बार शोषण होता देख,

क्यूं ना कोई बोला था ?


अगर वह हजारों है तो

हम भी कहा कम है।

नोक नोक नोक

न्यूज़ पेपर आया

फिर से वही रेप की खबर लाया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy