STORYMIRROR

Kiran Bala

Abstract

4  

Kiran Bala

Abstract

'नमक मिर्च'

'नमक मिर्च'

1 min
282

सब मसाले एक तरफ तो

नमक मिर्च हैं एक तरफ

स्वाद बढाएं भोजन का तो

सिखाएं जीवन का चलन


नमक मिर्च दें ज्ञान मानव को

नियम -संयम का कर वरण

छोड़ चटक- मटक सभी को

जरूरत का ही कर चयन


बाकी के सभी मसाले तो

तड़क -भड़क के हैं साधन

भोगता है इन्हें वही जो

जिनके पास हैं संसाधन


अति नमक मिर्च की भी तो

सेहत का करती है दमन

हो प्रयुक्त पर्याप्त मात्रा में तो

क्षुधा का करती है शमन


नमक मिर्च लगाने वाले भी तो

मानवता का करते हैं हरण

झुलसते स्वयं झुलसाते सब को

आत्मा का करते हैं पतन


सभी मसाले एक तरफ तो

नमक मिर्च हैं एक तरफ

स्वाद बढाएं भोजन का तो

सिखाएं जीवन का चलन।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract