STORYMIRROR

Nandita Srivastava

Abstract

3  

Nandita Srivastava

Abstract

नमामि गंगे

नमामि गंगे

1 min
12.2K

नमामि गंगे नमामि गंगे

पाप हारिणी,जगत तारिणी

कल कल हर हर बहती जाये

नमामि गंगे.........


जिस दिशा में तू बह जाती

उस दिशा को पावन करती


बाँह पसारे पाप समेटे

कल कल हर हर तू बह जाती

नमामि गंगे............

हे जगत तारिणी,जग कल्याणी

तुझे प्रणाम ...........

हेभगीरथी तुझे प्रणाम

शत शत तुझे प्रणाम

नमामि गंगे......।



ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

Similar hindi poem from Abstract