तितली को कली में मिल जाता है सर्वस्व; मिलन से कली पाती है फूल बनने का गर्व।। तितली को कली में मिल जाता है सर्वस्व; मिलन से कली पाती है फूल बनने का गर्व।।
नमामि भीमाशंकर प्रभो नमामि हे घृष्णेश्वरः नमामि त्रयम्बकेश्वरम् नमामि शिव शंकरम् ! नमामि भीमाशंकर प्रभो नमामि हे घृष्णेश्वरः नमामि त्रयम्बकेश्वरम् नमामि श...
लिखूँ सुगीत मैं सदा, विशुद्ध माँ विचार दे। न वक्ष में प्रपंच हो, सुछंद माँ सुधार दे। लिखूँ सुगीत मैं सदा, विशुद्ध माँ विचार दे। न वक्ष में प्रपंच हो, सुछंद माँ स...