STORYMIRROR

Nandita Srivastava

Abstract

3  

Nandita Srivastava

Abstract

कैसी बात करते हो

कैसी बात करते हो

1 min
27

यह कैसी बात करते हो

नफरतों से मुलाकात करते हो

यह कैसी बात करते हो

यह तरबियत तुम्हारी

बस तल्ख्खियो से भरी बातें तुम्हारी

यह कैसी बात.............

भूला दिया उन बातों

वह भीगी शाम से महकती शामों

वह तरनुम वह गजल में कहीं बातों को

यह कैसी ....................

चलो बस दूर हो जाये साथ रह कर नफरत ना बडायें

बस खुशनुमा शाम को यादगार कर जाये

यह कैसी...........................



ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

Similar hindi poem from Abstract