समाजिकता,गजल,कविता,सूफी गाना,कहनी
बहुत दर्द बटोरा हमने टूटते बिखरते रहे पर किसी ना बताया हमने! बहुत दर्द बटोरा हमने टूटते बिखरते रहे पर किसी ना बताया हमने!
किस आलम में तू खोया हुआ और है उदास बता तो सही किस बात कि है तुझ को है तलाश किस आलम में तू खोया हुआ और है उदास बता तो सही किस बात कि है तुझ को है तलाश
सुनो बैठो कुछ तुम कहो,कुछ हम कहे उलझनें सुलझ जायेगी सारी शिकायतें धुल जायेगी! सुनो बैठो कुछ तुम कहो,कुछ हम कहे उलझनें सुलझ जायेगी सारी शिकायतें धुल जायेगी!
जी हाँ मंद मंद मुस्काती वह लड़की हाँ वह तो मेरी बिटिया रानी है! जी हाँ मंद मंद मुस्काती वह लड़की हाँ वह तो मेरी बिटिया रानी है!
हर तरफ शोर नफरतों का दौर, यह कैसी जमीं यह कैसा आंसमा है! हर तरफ शोर नफरतों का दौर, यह कैसी जमीं यह कैसा आंसमा है!
सलाम बदला पैगाम बदला बातचीत का अंदाज़ बदला सलाम बदला पैगाम बदला बातचीत का अंदाज़ बदला
यह कैसी बंदिशे यह कैसी रिवायतें सांस को रोकती है तमाम तरह की बातें। यह कैसी बंदिशे यह कैसी रिवायतें सांस को रोकती है तमाम तरह की बातें।
मेरा भरोसा खेलता है आँख मिचौली,में कंचे की तरह खो गया हूँ मेरा ऐतबार। मेरा भरोसा खेलता है आँख मिचौली,में कंचे की तरह खो गया हूँ मेरा ऐतबार।
यह कैसी बात करते हो नफरतों से मुलाकात करते हो। यह कैसी बात करते हो नफरतों से मुलाकात करते हो।
बस आखिरी मंजित तक पहुँचा दे साकी बस ....। बस आखिरी मंजित तक पहुँचा दे साकी बस ....।