Navin Madheshiya
Drama
माना कि मैंं गरीब हूँ
पर मैं खुशनसीब हूँ
आता नहीं धोखा देना
इसलिए शरीफ हूँ।
यादें
तपिश
बातें अपनी
एक फूल
प्रेम: एक विश...
तेरे हर गीत म...
औरत
शब्दों की महि...
शब्द
कि हर देह को दो गज जमीन ही चाहिए मरने के बाद। कि हर देह को दो गज जमीन ही चाहिए मरने के बाद।
आज केरोनवा हम भगाइब ये रामा भारत देशवा। आज केरोनवा हम भगाइब ये रामा भारत देशवा।
हमारा प्यारा त्योहार आया है क्योंकि दोस्तों होली का त्योहार आया है। हमारा प्यारा त्योहार आया है क्योंकि दोस्तों होली का त्योहार आया है।
कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें। कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें।
शायद प्लेटफार्म के शोर में या फिर ट्रेनों के शोर में इस बात की आवाज सुनाई नहीं पड़ी हो . शायद प्लेटफार्म के शोर में या फिर ट्रेनों के शोर में इस बात की आवाज सुनाई नहीं प...
क्या संवेदना हो गयी है समाप्त वेदना का दुनिया से उठ गया है विश्वास। क्या संवेदना हो गयी है समाप्त वेदना का दुनिया से उठ गया है विश्वास।
अब अल्हड़ सी मस्तानी सी फागुन की हवा फागुन की चलने लगी है सुहानी हवा। अब अल्हड़ सी मस्तानी सी फागुन की हवा फागुन की चलने लगी है सुहानी हवा।
बेटी अपने सीने में गुस्सा और हौसले की धार चाहिये। बेटी अपने सीने में गुस्सा और हौसले की धार चाहिये।
पर कभी किसी से कुछ नहीं कहना दो कुलो की लाज लेकर चलना। पर कभी किसी से कुछ नहीं कहना दो कुलो की लाज लेकर चलना।
देश बदल रहा है फिर भी बहुत बदलाव अभी बाकी है। देश बदल रहा है फिर भी बहुत बदलाव अभी बाकी है।
अच्छाई और भोलेपन का फायदा उठाने वाला ये समाज महिला दिवस मनाता है। अच्छाई और भोलेपन का फायदा उठाने वाला ये समाज महिला दिवस मनाता है।
शुक्रिया दोस्त तूने पनाह दी मुझे, तेरे अहसानों तले दब गई है जिंदगी। शुक्रिया दोस्त तूने पनाह दी मुझे, तेरे अहसानों तले दब गई है जिंदगी।
बस एक टूटा हुआ तारा है पेड़ तेरा भी क्या ख़ूब सहारा है। बस एक टूटा हुआ तारा है पेड़ तेरा भी क्या ख़ूब सहारा है।
घर का खाना आराम से सोना यह है मौसम बड़ा सुहाना ! घर का खाना आराम से सोना यह है मौसम बड़ा सुहाना !
काश कोई लौटा दे वो बचपन मेरा जिस गाँव में था वो खुशी का सवेरा। काश कोई लौटा दे वो बचपन मेरा जिस गाँव में था वो खुशी का सवेरा।
कभी सूर्य बनके दमका,कभी चांद बन के चमका। बन कर दीया इसीने घर "निशा "का जलाया। कभी सूर्य बनके दमका,कभी चांद बन के चमका। बन कर दीया इसीने घर "निशा "का जलाया।
एक औरत से इस भारत का भी सम्मान हैं। एक औरत से इस भारत का भी सम्मान हैं।
ढेर व्यंजन न लगें अच्छे प्यार की सूखी रोटी भाये। ढेर व्यंजन न लगें अच्छे प्यार की सूखी रोटी भाये।