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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

नीव का पत्थर

नीव का पत्थर

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नींव का पत्थर तुझे बनना है

नहीं कोई कलेक्टर बनना है

इंसानियत का रिश्ता निभा तू,

नहीं कोई खुदा तुझे बनना है

लोगो चाहे यहां सोने का तन

पर तुझे सोने सा मन करना है

नींव का पत्थर तुझे बनना है

मन से बड़ा कोई आसमाँ नहीं ,

नेकी से बड़ा कोई फरिश्ता नहीं ,

तुझे नेकी का आसमाँ बनना है

नहीं कोई ऊंचा साहब बनना है

रोशन होने को एक चराग़ काफ़ी है

नहीं कोई तुझे कोहिनूर बनना है

नींव का पत्थर तुझे बनना है

रहना भले तुझे जानवरो के बीच,

पर नहीं कोई जानवर तुझे बनना है

जीत जाती है अंत मे सच्चाई

हार जाती है अंत मे बुराई

सच के लिये जीना है,पर

नहीं कोई अप्रिय सत्य बनना है

तुझे लड़ना है साखी झूठ से 

नहीं कोई घृणा उससे करना है

नींव का पत्थर तुझे बनना है!


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