नीला रंग
नीला रंग
आसमान का
नीला रंग
समुंदर का भी
नीला रंग
एक मेरे शीर्ष पर विराजमान
दूसरा मेरे पैरों तले
एक की ऊंचाई नापनी
मुश्किल तो
दूसरे की गहराई
आसमान में पंछी उड़े तो
समुंदर में मछली तैरती हुई
अपने पंख फैलाकर चले
मैं अपनी छत से उड़ा लूं
खुले आसमान में पतंग तो
मैं चला लूं एक छोटी नौका भी
एक विशाल समुंदर में
आसमान के सीने के धरातल को
चीरता एक सूरज रोज सुबह उगे तो
इस आसमान को एक विरह का
विदाई गीत सुनाता सूरज
रोज शाम समुंदर के तल में डूबे
आसमान में रात को
इसकी काली चादर पर टंके दिखते
ढेर सारे जुगनुओं से टिमटिमाते
सितारे
एक चांद कभी पूरा
कभी अधूरा
किसी सुंदर स्त्री के मुखड़े सा
ही
यह चांद का टुकड़ा
एक हवाई जहाज भी जाता
दिख जाता
किसी अंजान दिशा में
एक जलते बुझते बल्ब सा
समुंदर की लहरें भी
कभी शांत तो
कभी शोर करके
झिलमिलाती सी लहराती
रात के एक सुंदर चमकीले
आसमान के तले
नीला रंग
आसमान का
समुंदर का
मुझे भगवान श्री कृष्ण की
याद भी दिलाता
उनकी स्तुति भी
करवाता
उनके होने का आभास भी
कराता
नीले रंग के जल सा
पारदर्शी प्रभु का प्रेम
मेरे प्रति
मुझे मेरे पवित्र, पावन और
सौम्य होने का अहसास भी
कराता
नीला रंग
सिर से लेकर पांव तक
एक जादुई शामियाने सा
मुझे एक सुंदर जीवात्मा होने का
आशीर्वाद भी दे जाता।