नई दुल्हन (२)
नई दुल्हन (२)


मैंने देखा उसको
धीमे से मुस्कुराते
मुस्काते हुए
सबसे नज़रे चुराते,
उसकी गहरी नज़रें
सपने हज़ार उनमें
हर पल में भाव लाखों
मन में उसके जन्मे
देखा उसे मैंने
खुद में खो जाते
हां देखा उसे मैंने
शायद शर्माते
मैंने देखा उसे
खुद ही खुद में समाते
मैंने देखा उसे
खुद से बातें बनाते
हां देखता हूं उसको
तन्हा ही मुस्कुराते...