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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Children Stories Comedy

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Children Stories Comedy

नदी पर दोहे

नदी पर दोहे

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सिंधू से मिलने चली, लता-चंद्र श्रृंगार।

सिर तारों के ओढ़नी, दुल्हन सी तैयार।।


माँ मान नदी पूजते, करते हम आभार।

अविरल बहती ही रहे, मृदु-पाक जलधार।। 


अपनी ही धुन में रहे, चले शेरनी चाल।

कभी शांत हो भाव से, कभी रूप विकराल।।


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உள்நுழை

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