STORYMIRROR

Shakuntla Agarwal

Abstract Inspirational Others

4  

Shakuntla Agarwal

Abstract Inspirational Others

"नैय्या"

"नैय्या"

1 min
361

जीवन नैय्या तेरे हवाले,

पतवार ले प्रभु आप सँभाले,

लहरों पे हिचकोले खाये,

बीच भँवर में ये लड़खड़ाये,

पतवार ले माझी बन जाओ,

जीवन नैय्या को पार लगाओ,

जीवन नैय्या तेरे हवाले,

पतवार ले प्रभु आप सँभाले,


बेलगाम घोड़े सा दौड़े मनवा,

रात - दिन इसे नहीं चैना,

अंकुश में लेना जब चाहूँ,

लगाम खींचूँ इत - उत डोले,

चंचल मन को साधना सिखा दो,

जीवन नैय्या को पार लगा दो,

जीवन नैय्या तेरे हवाले,

पतवार ले प्रभु आप सँभाले,


मोह - माया से लिपट-लिपट जाऊँ,

रूप - यौवन पे मैं इतराऊं,

सपनों के नित महल बनाऊँ,

पंख लगा आसमां छूना चाहूँ,

मोहे संतोषी जीव बना दो,

अंकुश में रहना सिखला दो,

जीवन नैय्या तेरे हवाले,

पतवार ले प्रभु आप सँभाले,


दुनियादारी से ऊपर उठ जाऊँ,

तेरे रँग में मैं रँग जाऊँ,

रिश्ते - नाते जो बेड़ी बनें हैं,

उनके मोह - पाश में न बँध जाऊँ,

कमल की भाँति मैं रह पाऊँ,

बंधनों से मुक्ति करवा दो,

"शकुन" आत्मा - परमात्मा का,

मिलन करा दो।।  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract