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Dr.Pratik Prabhakar

Tragedy Action Inspirational

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Dr.Pratik Prabhakar

Tragedy Action Inspirational

नैतिकता हासिये पर

नैतिकता हासिये पर

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भारी कदमों तले रौंदी 

जाती नैतिकता रोज़

गर्त में मिली मानवता

पाशविक बनती सोंच।।


जंगम यह संसार पाले

तर्क कुतर्क , दुर्व्यवहार

कुनीति चरम पर फैली

खाती नीति को नोंच।


किसने दिया है बढ़ावा

किसने चढ़ाया चढ़ावा 

मूरख मनुज ही तो थे 

नीति को लगाए खरोंच।।


वो हम थे जिसने कभी

कुनीति की जिह्वा लंबी की

सब तरफ निराशा पसरी

काम न हो बिना उत्कोच।।


जमाने को दोष दे बस

बने रहें क्या जस के तस

वक्त आया मुखरित हों

बने सब नीति के फ़ौज।


सीख चाणक्य से लेते

खुद में सत्य,निष्ठा सेते

अहम-वहम के चक्कर

में ना आते पैरों में मोंच।


आओ खुद में प्राण डालें

सुपथ पर ही पग डालें

जो सही है हम जानें मानें

लाएं कर्तव्यों में लोच।।


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