नारी
नारी
हमारी जननी है नारी,
हमारी बहना है नारी
हमारे हर रिश्ते को पवित्र ,
बनाती है नारी,
उस नारी का अपमान किया,
समाज को शर्मसार किया।
देवी का रूप है नारी,
ममता का स्वरूप है नारी,
पालनहारी है नारी,
कष्ट हरती है नारी,
उस नारी को निर्वस्त्र किया,
समाज को शर्मसार किया।
तुम्हारे उस हाथ को ही,
शरीर से अलग कर देना चाहिए ,
जिस हाथ से तुमने ये कृत्य किया,
तुम्हारे उस आंख को ही,
निकाल देना चाहिए था ,
जिस आंख से तुमने ये कृत्य किया,
कानून में है नही ऐसा विधान,
फांसी मिले तुम्हे जरूर , ऐसा ही संज्ञान
उस नारी को निर्वस्त्र किया,
समाज को शर्मसार किया।
तुम्हे लज्जा नही आती , ऐसा करते
तुम्हारे घर में है मां बहन,
ये देखकर वो भी रो रही होंगी,
तुम्हे जन्म देकर आज मां तुम्हारी,
रो रहीं होंगी,
तुम्हारी बहन भी भाई तुम्हे कहने पर,
डर रही होंगी,
कह रही होंगी वो तुमने क्या किया,
उस नारी को निर्वस्त्र किया,
समाज को शर्मसार किया।