नारी मूर्ति नहीं इंसान है
नारी मूर्ति नहीं इंसान है
नारी का सम्मान करो
मत उसका अपमान करो
उससे उपजा प्राण है
उससे जग की शान है
ईश्वर की साक्षात कृति है
परिवार की मोहक तृप्ति है
वो भी एक इंसान है
उसका भी स्वाभिमान है।
उस घर में उजियारा है
जहां नारी का वंदन है
जहां क्रंदन नारी का
उस घर में अंधियारा है।
नारी का सम्मान करो
मत उसका अपमान करो।