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Chandramohan Kisku

Classics

3  

Chandramohan Kisku

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नारी की पुकार

नारी की पुकार

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नारी का रूप लेकर

क्या मैं पाप किया हूँ ?

इसमें मेरा क्या है जुर्म ?

भगवान ने ही तो मुझे बनाया है

नर -नारी दोनों मनुष्य

पर मेरी ही चुन कर

शोषण और अत्याचार क्यों ?


क्या मैं गंदगी हूँ ?

मनुष्य के नाम पर खरपतवार हूँ ?

मैं भी माँ हूँ

जिसने तुम्हे जन्म दिया है

पर,क्यों मुझे भारी बोझा समझा गया ?


डायन और दुश्चरित्र कहकर

मांझी अखड़ा में पंचायत कर

लोगों के सामने अपमान कर

घर से निकाल बहार किया।

इतिहास साक्षी है

नारी भी कर सकती है

देश और समाज की नाम रौशन।


नारी जन्म लेकर

क्या मैं पाप किया हूँ ?


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