मुस्कुराओ और आगे बढ़ो
मुस्कुराओ और आगे बढ़ो
कर के देखी दोस्ती इन मौकापरस्त इंसानों से।
जो बहुत हीं भयावह हैं खौफनाक हैं हैवानों से।
गिरगिट की तरह फितरत छुपी रहती इनकी
विपरीत परिस्थितियों में करतें वार हैं।
काहे की दोस्त दरियादिली इनसे झूठें वादें इनके
सस्ता जान इनके लिए झूठा इनका प्यार है।
जो जितना भरोसे के काबिल हैं
वो हीं हर साजिश में शामिल हैं।
तोड़ कर दिल छोड़ कर साथ अक्सर हवा हो जातें हैं।
लाख दुहाइयां देता रहे कोई ये वापस नहीं आते हैं।
हम बुरें हैं क्योंकि अच्छाईयां अपनी किसी को दिखती नहीं है।
वो अच्छे हैं जहां में क्योंकि बुराइयां उनकी नजरंदाज कर दी जाती हैं।
खिलाकर गुलशन पतझड़ की चाह रखतें हैं लोग,
बड़ी ज़ालिम है ये दुनियां अक्सर दिल तोड़ देते हैं लोग।
देख लिया मैं मर मर के कोई हमदर्द भी नहीं बनता है
जलते रहो उनकी खुशी के लिए जितना भी
बड़े बेशर्म बेमुरौवत हैं वो उनको कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
सोचता हूं क्या लेकर जाना इस जहां से
तो कहे की दोस्ती दुश्मनी किसी से।
एक दिन सब छोड़ उड़ जाना है।
तो फिर क्या खोना क्या पाना है।
इसलिए सदा में सब पर प्यार बरसता हूं।
लोगों की फरेबों पर थोड़ा मुस्कुराता हूं।
खुश रहता हूं मैं अक्सर क्या होगा गम दिखाने से।
बड़े शातिर हैं गम में भी किसी की मज़ा ढूंढ लेते हैं लोग।
सो हंसते रहिए हंसाते रहिए और जिंदगी की गाड़ी चलाते रहिए।
मुस्कुराइये क्योंकि मुस्कुराने की ढेरों बजाहें भरे पड़े हैं।
जीवन की राहें अनगिनत खुशियों से पटे पड़े हैं।
जब जब भी जिधर जिधर से खुशियां मिलें उन्हें
बटोरते चलो।
कदम कदम पर लूटने पीटने काटने वाले मिलेंगे
इनसे बचते चलो।
बस मुस्कुराते रहो और आगे बढ़ते रहो।
मुस्कुराते रहो आगे बढ़ते रहो।
मुस्कुराते रहो आगे बढ़ते रहो।