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Chandni Purohit

Abstract Inspirational

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Chandni Purohit

Abstract Inspirational

मुस्कुराहट के आँसू

मुस्कुराहट के आँसू

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लाख परेशानी हो घर में फिर भी एक गृहिणी मुस्कुराये 

प्रियतम की खुशियों की खातिर पारिवारिक जिम्मेदार निभाये 


सोंचे न आज अभी को वो भविष्य को नित रही सजाये 

अपने अपनों की खातिर फ़ूलों से घर आँगन महकाये


क्यूँ छोड़ दिया सपना अपना क्या भूल हुई सौ अहसान जताए 

उफ्फ न करे रिश्तों की खातिर हंस हंस कर सब सहती जाये 


यदि बात लगे कोई कठोर साथी के कटु वचन न भाये 

कमजोर नहीं पड़ना कभी उसने अश्रु आँखों से बहते जाये 


सुबह जल्दी उठ बने अन्नपूर्णा सभी की उसे चिंता सताये 

नम होती आँखें छिपाए मुस्कुराहट के वो आँसू कहलायें।


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