मुस्कान सजीली
मुस्कान सजीली
आपकी मुस्कान पर ये दिल लिखे अफसाने,
जैसे चाँदनी रातों में बिखरे नयनों के दीवाने।
हर लफ़्ज़ में छुपी है कोई मीठी सी कहानी,
आपकी मुस्कान में है सजीव एक रोशनी पुरानी।
जब भी आप मुस्कुराते हैं, फूल भी खिलते हैं,
वो नज़ाकत, वो नूर दिलों को छू लेते हैं।
जैसे सावन की बूंदें धरती को भिगो जाती हैं,
वैसे ही आपकी मुस्कान रूह को महका जाती है।
हर सुबह के सूरज से चमकती हैं जो किरणें,
वो आपके होंठों से चुराई हैं वो सुनहरी रंगीनें।
आपकी मुस्कान में बसी है एक मधुरता प्यारी,
जैसे झरने से झरती हो पानी की हर एक धारा भारी।
यूँ ही मुस्कुराते रहें आप, ये दुआ है मेरी,
आपकी हँसी में छुपी है ज़िन्दगी की हर चाँदनी।
