मुश्किल में मुस्कान
मुश्किल में मुस्कान
मुश्किल में मुस्कान
कोरोना ने पूरा जग हिला दिया
जन-जन को रुला दिया।
मत पूछो दर्द भरी दास्तान
मुश्किलों के समुंदर में डूबी है
किस-किस की मुस्कान।
किसी की मजबूरियाँ बाज़ार में चल गई
मजबूरियाँ, लाचारियों में ढ़ल गई
कोई कोई मजबूरी तो जनाब
केवल वक्त के हाथों छल गई।
बड़ी खामोशी से मसान के मुहाने पर
कशमकश के दौराहे पर खड़ी
मुश्किलों के भंवर में फँसी
जिंदगी की मचान है।
बिन कफन के, हो जाऊँ दफन
या संघर्षों से लड़ कर
सजा लूँ होठों पर
मुश्किलों से भरी मधुर-मीठी मुस्कान।