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manasvi poyamkar

Abstract

5.0  

manasvi poyamkar

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मुसाफिर

मुसाफिर

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रास्तों का डर नहीं हमे

हम तो मंजिलो के मुसाफिर है

निकल चले है कदम बेफ़िक्री

हम तो सफर के मुसाफिर है

रहमत मांगी ना दुआ मे

हम तो खुदाई के काफिर है

ढेरो खुशियों का गम नहीं

हम तो खाली झोली के मुसफिर है

हुस्न की परवाह ना करे

हम तो अदाओं के काफिर है

मैदान ए जन्ग मे हारे भी तो क्या

हम तो जन्मो के फकीर है

रास्तों का डर नहीं

हम मंजिलों के मुसाफिर है


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