मुमकिन
मुमकिन
सिमट रही है या समेट रही है
किन पाबंदियों में बंध रही है
ए जिंदगी बता क्या सोच रही है
बुला रही हैं या भूला रही है
किस ओर संकेत दे रही है
बता क्या तेरी तमन्ना रही है
निपट रही है या निपटा रही है
क्यों कर विवादों में उलझा रही हैI
बता भी दे आखिर तू क्या चाह रही है
झुठला रही है या सच जान गई है
किसका इम्तिहान ले रही है
बता भी दे क्या मुमकिन बना रही है।