STORYMIRROR

मुझसे क्या पूछते हो

मुझसे क्या पूछते हो

1 min
205


मेरी चुप्पी मैं ही जानू, तुम सब से अनजान रहो,

नहीं जरूरत कुछ कहने की, ना मुझसे परेशान रहो।


मुझसे क्या पूछते हो, अपने दिल से भी कुछ पूछो,

नहीं देवता बनो कम से कम बनकर तो इंसान रहो।


यहाँ कौन अपना है संग में, कौन पराया खबर नहीं,

समझ के उनके हर चालों को, बेहतर है नादान रहो।


दिल में जगह बनाकर दिल का वासी बन तो बात बने

ऐसा कुछ मत कर जाना के दिल में तुम मेहमान रहो।


ऐसे भी क्या मद में जीना, दिल का दर्पण साफ रखो

तुझ में भी कोई जी पाए, बनकर एक जहान रहो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance