रागिनी सिंह
Others
बैठे हैं आज अहम के चश्में सम्भाल कर
मासूमियत स्कूल के बेंच पर रह गई।
अब भी तलाशता हूँ, वो अनसुनी सी बात,
चुपके से कानो में, क्या दोस्त कह गयी।
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