मुझे सोने दो
मुझे सोने दो
अपने विचारों को
हम लिख नहीं पाते
अपनी सोच के क्षितिजों
में नहीं विचरते,
अलसा के अपने बिस्तरों
में पड़े रहते हैं
कोई आवाज भी लगता हो तो
हम छुपे रहते हैं !
अपने आस-पास, देश दुनिया
से हमें क्या लेना ?
हम क्यों बेफजूल बातों में पड़ें
मुझे इससे क्या लेना ?
हमें तो सिर्फ सोना है
महीनों के बाद उठेंगे
लाइक डिसलाइक
का बटन दबायेंगे !
दूसरे की लिखी चीजों को
शेयर करके
नीचे लिख देंगे
क्या सोचते हैं ......?
इतना लाइक कीजिये
इतना शेयर कीजिये
दूसरों को जगाइये
कंजूसी मत दिखाइये !