" मुझे पैदा क्यों किया"
" मुझे पैदा क्यों किया"
मुझे पैदा क्यों किया
ऐसा अटपटा सवाल, आज तक किसी ने पूछा न था कुछ तो है वजह,
मन का दरवाजा खटका सोचता रहा रात भर,
कितना जबरदस्त लगा था झटका
किस तरह सुलझाऊँ, ये उलझी हुई गुत्थी
जवाब दे गयी थी, इस उम्र में ये बुद्धि
परदादा आये थे, बाबा भी आये थे, हम भी तो आये
पर ये सिलसिला यूँ ही, पीढ़ी –दर- पीढ़ी कायम रहे
पर जान ना पाया, क्या दूँ इस सवाल का उत्तर
जीने के लिए अपनों का प्यार ही काफी नहीं
रोटी भी खानी होती है
अरे जिस्म की भूख मिटाने के लिए
शादी भी तो करनी पड़ती है
तो फिर इस सवाल का जवाब क्या होगा पुख्ता
कोई मदद कर दे, बड़ी हुई बेचैनी मेरी, कुछ कम कर दे
दिल पे पड़े बोझ को, कुछ वक्त के लिए, इधर- उधर कर दे
पर ऐसा न हो सका सोलह आना पक्का ज़हन में आया,
आग तो हमने ही लगाई है, तो फिर बुझानी भी तो हमें ही पड़ेगी
नहीं तो हर बेटा, अपने बाप से ये ही सवाल पूछे गा
सुहाग रात की शैया पे जाने से पहले, इस के बारे में सोचे गा
नहीं! नहीं ऐसा ना होगा, टहलता रहा रात भर
सुनता रहा उस की खर्राटे, जो सो रहा था टांग पसार कर
फिर चुपके से, उनके करीब आया, हलके हाथों से जगाया
देख वे, कुछ सकपकायीं, धीरे से खसक गयीं कुछ जगह बनायीं
सीने में छुपे दर्द को उन्हें बताया
क्या है कारण, जो सारी रात न सो पाया
बोली वे मुस्करा कर अभी तो मैं जवान हूँ,
क्या डर बना रखा है, बच्चों सा मुँह लटका रखा है,
चलो नींद अच्छी पाने के लिए मौका अच्छा है I
उं हूं , क्या भाग्यवान, तुम भी गजब करती हो
एक का सवाल खाये जा रहा है, दूसरे का आगाज़ करती हो
हँसते हुए उन्होंने मुझे अपने आगोश में छुपाया,
बोली, सनम ये तो रीत है, जहां को आबाद रखने का,
जो हम ने किया, वो भी तो करेगा I
लिख दो कलम से, मैं अपने पिता से ना पूछ पाया
तुम ही खोज लो, इस का जवाब ,
बहुत वक्त है अभी, तुम्हारे पास
तोड़ देना दस्तूर, खोज लेना जरूर,
इस का जवाब , बनने से पहले बाप I
दोस्तों - ऐसा है साया मेरा,
कभी मेरी निगाहें झुकने नहीं देती
थाम लेती है मुझको गिरने नहीं देती
साथ देती है मेरा, कदम हर कदम पर,
हर लेती है वो, सारे दुःख मेरे
कभी हँस कर, तो कभी सीने से लगाकर I