ए दोस्त तेरी दोस्ती
ए दोस्त तेरी दोस्ती


सरे आम कहता हूँ, खुले आम कहता हूँ
ए दोस्त तेरी दोस्ती को, सलाम कहता हूँ
न रहे ज़िंदगी मेरी, कोई गिला नहीं तुझ से
बस एक आखरी वक़्त में दोस्त, तेरा साथ
चाहता हूँ I
ए दोस्त तेरी दोस्ती को,
सब कुछ पास मेरे, जीवन रैन बसेरा है,
बरसे सावन रिम- झिम, तन नही घीला है,
मन चातक सा है मेरा, मेघा से घिरा हूँ,
पवन थोड़ा डुला दे, मैं बिलकुल अकेला हूँ I
ए दोस्त तेरी दोस्ती को,
बेचैनी ने मुझे, इस क़दर आ घेरा ,है,
तमाम कौशिशो ने, इन्हें नही छोड़ा है,
किस तरहां परोसूँ, है लाचारी का आलम,,
कुछ तू ही समझ ले, है तेरा ही ये गम I
ए दोस्त तेरी दोस्ती को,