मुझे मौत दे दो
मुझे मौत दे दो
तेरे ही लिए यार जीवन मेरा है
तेरे ही लिए यार मृत्यु हमारी
जो चाहे करा ले बंधा हाथ तेरे
तू दे यार अपयश या दे यश सुखारी।।
तू बदनाम कर दे या कुछ नाम कर दे
ये सिर तू बचा ले या धरती पे धर दे
नहीं कुछ गिला,थी कहूंगा बेचारी
मैं बेचैन हूं रात दिन यार सुन ले
मेरे रक्त मोती को तू यार चुन ले
न हो का जीवन वो आशिष सुखारी।।
तू है साथ तो रोग कोई नहीं है
बड़े दिन गये आंख सोई नहीं है
तुझे देखता तेरे दिल का पुजारी।।
न ये सांस रुकती न जीने तू देती
न वो प्राण लेती न तू प्राण लेती
ये कैसी चढ़ी सिर पे मेरे बुखारी।।
तू समझेगी कब जब न तन प्रान होगा
जो मर जाऊंगा तो क्या तब ज्ञाध होगा
यही पूंछती रो रो अंखियां दुलारी।।
तू साथी है मेरा या दुश्मन जनम का
तू है फ़ूल या यार कांटा चमन का
तू रक्षक है मेरा या मेरा शिकारी।।
थे सपने सजाए रखा था मैं दिल में
मगर तू न छोड़ी कि रह पाऊं बिल में
बना घूमता हूं मै तेरा मदारी।।
नज़र न उठा यार पाऊं जहां में
कहां यार आशिष मैं जाऊं जहां में
कहीं है जगह न, जहां न लाचारी।।
था शापित ये जीवन तू समझी नहीं पर
मैं सोचा दुखों को तू सब लेगी ही हर
मगर क्या पता था तू मेरी कटारी।।
निभाऊंगा मैं साथ दूंगा न धोखा
न पकवान पाऊं मैं खा लूंगा रुखा
न छोडूंगा मैं कर, हूं बेशक भिखारी।।
