प्रेम की प्रीत प्यारी..।
प्रेम की प्रीत प्यारी..।
तुम बिना अब कोई नहीं हैं,
मन का मीत हमारो..
तुम ही स्वामी, अन्तर्यामी
जग जीवन अब सारो..
याद में तेरी, रैना बीती,
बीती जाएं हमारो..
हाथ थाम लो, तुम अगर तो
थम जाएं पल सारो..
प्रेम भी तुमसे, प्रीत भी तुमसे
सब मन प्यार तुम्हारो..
सब तुझे चाहें, सब मन ध्याए
विनती सुनलो सारो..
कृष्ण मुरारी, मन मनोहारी
प्रेम की प्रीत प्यारो..
दुनिया में अब और क्या सब,
हो बस प्रेम ही सारो..
