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vanmala patkar

Fantasy Inspirational

4  

vanmala patkar

Fantasy Inspirational

वृक्षों की सभा

वृक्षों की सभा

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वृक्षों ने सभा बुलाई,

निमंत्रक बने पीपल भाई,

घर घर गयी तुलसी मैया,

बोली न दूँ मैं छैया,

फिर भी मेरी महिमा है भैया,

 बरगद बोले मुझको कहते है बड़,

वर्षों तक धरती में पकडूँ मैं जड़,

पक्षी बनाते मुझमें नीड़,

राहगीरों की लगती है भीड़,

अमराई ने की पुकार,

आओ खाओ आम भर भर,

कोयल ने कुहूकुहू आवाज लगाई,

पेड़ पौधे हमारे मित्र है भाई,

पेड़ लगाओ तुम सब भाई,

पर्यावरण देगा तुम्हें दुहाई,

धरती से अम्बर तक, वाह वाह होगी दस दिशाओं तक,

मिलकर करो तुम वृक्षारोपण,

धरती और स्वयं का करो संरक्षण।।



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