मथनी (पोवारी कविता)
मथनी (पोवारी कविता)
फ्रीज आय रईस
घर की निशानी
पर भाऊ अमृत आय
मथनी को पानी …….।।१।।
मथनी आय गरीब
घरकी धनवंतरी
माटी की येकोमा
से सुगंध भरी ………।।२।।
शहरमा येला नही
खबर ले कोनी
गावमा से येकी
बहुत धाक पुरानी ……।।३।।
फ्रिज को संग रोज
बिजली को रोना
मथनी ला मिलजाय
बस एक कोना ………।।४।।
थंडो पानी पियशान
संतोष येको तनमा
भर देसे ताजगी
नविन सबको मनमा …।।५।।
कुंभार जवळलक लेसे
माय नविन मथनी
बियामा से नेंग
बुजुरुक इनकी कथनी..।।६।।
देसे नवरदेव नवरीला
माय कुरा को पानी
काहेका अमृत आय
मथनी को पानी …….।।७।।
